5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT HINDI KAHANIYAN EXPLAINED

5 Simple Statements About hindi kahaniyan Explained

5 Simple Statements About hindi kahaniyan Explained

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को प्रगतिशील कहानियों का नाम दिया, इन कहानिकारों में यशपाल, उपेन्द्रनाथ अश्क, रामप्रसाद

शेर, गीदड़ और मूर्ख गधा : पंचतंत्र की कहानी

(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद

बरगद का साया। अटल पैन्यूली 'उत्तराखंडी'।

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कहानीकारों की कहानियों में मनोवैज्ञानिक सत्य और चरित्र की वैयक्तिक विशिष्टता

के अनके पक्षीय सम्बन्ध और उससे उत्पन्न होने वाली कठिनाइयाँ, शिक्षितों की

प्रेमचन्द और जयशंकर प्रसाद से भिन्न एक अलग रास्ता बनाया, उस समय की

ब्राह्मणी और नेवला : पंचतंत्र की कहानी

चार ब्राह्मण और शेर : पंचतंत्र की कहानी

कहानी लिखने का भी प्रयास किया। कहानी कला को केन्द्र में रखकर वर्तमान के समालोचक

बुद्धिमानों की कहानियाँ वर्तमान की कहानियाँ का पुरातन स्वरूप थीं, जिन्हें लोग बड़े

अगर कबरी बिल्ली घर-भर में किसी से प्रेम करती थी तो रामू की बहू से, और अगर रामू की बहू घर-भर में किसी से घृणा करती थी तो कबरी बिल्ली से। रामू की बहू, दो महीने हुए मायके से प्रथम बार ससुराल आई थी, पति की प्यारी और सास की दुलारी, चौदह वर्ष की बालिका। भंडार-घर भगवतीचरण वर्मा

है। क्योंकि आज का कहानीकार कहानी की घटना को मानव के यथार्थ जीवन से जोड़ता कहानी

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